छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की केन्द्र सरकार और रेल्वे को लताड़…,जब बिलासपुर जोन में पैसेंजर ट्रेन लगातार रद्द और लेट हो रहे तो उसी पटरी पर मालगाड़ियां कैसे चल रही हैं…?जवाब देने के लिए 3 सप्ताह का जवाब मांगा गया…,जब यात्री ट्रेनों के 68000 से ज्यादा फेर रद्द किए गए, तब मालगाड़ियों के फेरे और माल लदान से 38% कमाई बढ़ा…,इस दौरान यात्री आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान हो रहे…

बिलासपुर (छग एमपी टाइम्स/22 मार्च 2024) : 
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की बैंच ने केंद्र सरकार को बताने के लिए कहा है कि बिलासपुर में पैसेंजर ट्रेन लगातार रद्द और लेट क्यों हो रही है ? इस पर केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का जवाब समय मांगा है।

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील को इस संबंध में संबंधित विभाग से जानकारी लेकर बताने का निर्देश दिया है। बिलासपुर के कमल कुमार दुबे ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले यात्री गाड़ियों लगातार रद्द या लेट किया जा रहा है। दूसरी ओर इस रूट पर लगातार मालगाड़ियां चलाई जा रही है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने रेलवे से पूछा कि क्या वजह है कि यात्री गाड़ियां अचानक बड़ी संख्या में रद्द की जा रही हैं  ?

डिप्टी सालीसीटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने बताया कि रेलवे नई पटरियां बिछाने समेत कई काम कर रहा है। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि उसी पटरी पर मालगाड़ी कैसे चलाई जाती है ? इस सवाल का कोई समुचित जवाब नहीं दिया जा सका। हाईकोर्ट में इस मामले में 3 सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी।

बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकील आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सिर्फ बिलासपुर जोन की ट्रेनें रद्द की जा रही है या लेट चल रही हैं।

केंद्र की ओर से जवाब देते हुए डिप्टी सालीसीटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने हाईकोर्ट को बताया कि यात्रियों की परेशानियां दूर करने के लिए रेलवे रोड मैप बना रहा है। उन्होंने जवाब प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है।

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कारण बताने को कहा है कि आखिर बिलासपुर जोन की ट्रेनें क्यों रद्द की जाती हैं या लेट से चल रही है ? संबंधित विभाग से जानकारी लेकर प्रस्तुत करें।

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर जोन में यात्री ट्रेनों के 68000 से ज्यादा फेर रद्द किए जा चुके हैं। जबकि इसी दौरान बिलासपुर जोन में मालगाड़ियों के फेरे बढ़ा दिए गए हैं और इसी दौरान माल लदान का राजस्व भी 38% बढ़ चुका है, लेकिन इसी दौरान लाखों यात्रियों की यात्राएं रद्द कर दी गईं जिससे जिससे लाखों यात्री अपने प्रियजनों के सुख दुख में शामिल नहीं हो सके और साथ ही आर्थिक एवं मानसिक परेशानी भी उठाते जा रहे हैं जबकि रेल यात्रियों को रेल सुविधा उपलब्ध कराना केन्द्र सरकार की जवाबदारी और जिम्मेदारी है लेकिन केन्द्र सरकार ने अपनी जवाबदारी और जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया है।