छत्तीसगढ़ : 2900 बीएड अर्हता वाले सहायक शिक्षकों सेवाएं समाप्त करने और व्यापम की मेरिट के आधार पर डीएड अर्हताधारी अभ्यर्थियों का चयन करने का आदेश डीपीआई ने किया जारी…,आर.टी.ई. का उल्लंघन कर भूपेश बघेल सरकार ने किया था नियम विरूद्ध भर्ती…बीएड अर्हता वाले बहुत से अभ्यर्थी दूसरी सरकारी नौकरी छोड़कर सहायक शिक्षक की नौकरी ज्वाइन किए थे…

छत्तीसगढ़ : 2900 बीएड अर्हता वाले सहायक शिक्षकों सेवाएं समाप्त करने और व्यापम की मेरिट के आधार पर डीएड अर्हताधारी अभ्यर्थियों का चयन करने का आदेश डीपीआई ने किया जारी…,आर.टी.ई. का उल्लंघन कर भूपेश बघेल सरकार ने किया था नियम विरूद्ध भर्ती…बीएड अर्हता वाले बहुत से अभ्यर्थी दूसरी सरकारी नौकरी छोड़कर सहायक शिक्षक की नौकरी ज्वाइन किए थे…

रायपुर (CG MP TIMES/01 जनवरी 2025) :
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर डीपीआई ने सहायक शिक्षक के 2855 पदों पर बीएड अर्हता वाले सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर व्यापम द्वारा जारी मेरिट लिस्ट के आधार पर आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए डीएड अर्हताधारी अभ्यार्थियों की चयन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश बस्तर और सरगुजा संभाग के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया है।

जारी आदेश में लोक शिक्षण संचालनालय ने उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा अवमानना प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 10.12.2024 और उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 02.04.2024 का और स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के आदेश दिनांक 30.12.2024 का उल्लेख किया गया है।

उपरोक्त पारित निर्णय में योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए आदेश दिए गए थे। इन आदेशों के परिपालन में लोक शिक्षण संचालनालय ने बस्तर और सरगुजा संभाग के बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया है।

यह कार्यवाही हाईकोर्ट के निर्देशानुसार की जा रही है। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि डीएड अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ प्रारंभ किया जाए।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद बीएड अभ्यर्थियों के लिए सहायक शिक्षक की नौकरी जाना लगभग तय दिख रहा है।

वहीं 19 दिसंबर से बीएड सहायक शिक्षक नवा रायपुर तूता धरना स्थल पर समायोजन की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे। इसके साथ ही 12 दिन बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर शिक्षकों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया था। वहीं अब लोक शिक्षण संचालनालय ने सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। इसमें सबसे चिंतनीय विषय यह भी है कि सहायक शिक्षक के पद पर भर्ती का आदेश मिलने के बाद बहुत से बीएड अर्हता वाले दूसरी सरकारी नौकरी छोड़कर सहायक शिक्षक की नौकरी ज्वाइन किए थे। वहीं बहुत से अभ्यर्थी अब ओवर एज भी हो गए हैं। इसलिए सरकार को इनके प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए इनके लिए कोई रास्ता निकालना चाहिए था, लेकिन सरकार ने कोई रास्ता नहीं निकाला। वहीं भूपेश बघेल सरकार की भी इस भर्ती में बहुत बड़ी गलती थी कि जब आरटीई का नियम लागू हो गया था तो फिर आरटीई के नियम के तहत बीएड अर्हता वालों की भर्ती सहायक शिक्षक के पद पर भूपेश बघेल सरकार को नहीं करनी चाहिए थी, जिससे कि वो सहायक शिक्षक अब भी अपने उस सरकारी नौकरी में बने रहते जिसे छोड़कर उन्होंने सहायक शिक्षक की नौकरी ज्वाइन की थी।