
पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/09 जुलाई 2024) :
पेण्ड्रा से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पौराणिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के ग्राम धनपुर में सोमवार को एक किसान द्वारा जेसीबी से खुदाई करवाकर खेत बनवाने के दौरान जमीन में दबे हुए एक शिला में प्राचीन भगवान श्रीराम लक्ष्मण की मूर्ति, पिलर और अन्य अवशेष मिलने के बाद खुदाई का काम रुकवा दिया गया है। बता दें कि पिछले कुछ दशकों में अब तक सैकड़ों मूर्तियां मिलने के बावजूद शासन और पुरातत्व विभाग ग्राम धनपुर की लगातार उपेक्षा कर रहा है। जीपीएम नया जिला बनने के बाद जिला प्रशासन द्वारा 3 बार पत्राचार करने के बावजूद भी पुरातत्व विभाग ने धनपुर में कोई रुचि नहीं दिखाई। इधर उधर बिखरे पड़े मूर्तियों में से अनेकों मूर्तियां चोरी हो चुकी हैं। बहुत सी मूर्तियां ग्रामीणों के घर, आंगन, बाड़ी में पड़े हुए हैं। अब तक मिली सभी प्राचीन मूर्तियां हिन्दू देवी देवता और जैन तीर्थांकरों की हैं। जो कि 10 वीं शताब्दी या उससे पहले या कल्चुरी कालीन हो सकती हैं। इसलिए शासन और पुरातत्व विभाग को धनपुर में सर्वे कराना चाहिए जिससे कि जमीन के अन्दर दबा हुआ इतिहास सामने आ सके।

पेण्ड्रा क्षेत्र के ग्राम धनपुर के शहर खेरवा इलाके की जमीन से एक बार फिर मूर्तियां मिली हैं। यह मूर्ति भगवान श्रीराम एवं लक्ष्मण की है। मूर्ति के साथ भवन या मंदिर का पिलर और चिन्ह बने हुए पत्थर भी मिले हैं। यह प्राचीन अवशेष किसान मंगल सिंह गोंड़ के द्वारा अपने भर्रा (टिकरा भूमि) को जेसीबी से खोदवाकर खेत निर्माण कराने के दौरान मिला है। यहां उल्लेखनीय है कि उक्त किसान ने पिछले वर्ष भी खेत बनवाने का प्रयास किया था लेकिन उस समय भी खोदाई में मूर्ति और प्राचीन अवशेष मिलने के कारण खेत बनवाने का काम बंद कर दिया था।

बता दें कि धनपुर में शहर खेरवा का नाम सैकड़ों वर्षों पूर्व से ग्रामीणों द्वारा रखा गया था। “शहर खेरवा” नाम रखना के पीछे ग्रामीणों का तर्क है कि शहर खेरवा इलाके के आसपास की कई एकड़ की जमीन में कोई शहर दबा हुआ हो सकता है क्योंकि यहां पर की जमीन में जब भी किसी भी ग्रामीण खुदाई करवाया है तो उसे कोई ना कोई प्राचीन अवशेष अवश्य मिला है यहां यह बताना भी लाजमी है कि शहर खेरवा में बड़े-बड़े एक भी मिलते हैं जिनकी बनावट प्राचीन दिखती है। शहर खेरवा से लगा हुआ सुरंगटोला नामक मोहल्ला में भी खोदाई में प्राचीन अवशेष मिलते हैं। सुरंगटोला में स्वयंभू शिवलिंग भी है, जहां मन्दिर का निर्माण करा दिया गया है।

ग्रामीणों ने लगाया धनपुर की उपेक्षा का आरोप
ग्राम पंचायत धनपुर के सरपंच पति रघुवीर सिंह गोंड़, गणेश पाण्डे ने बताया कि खेत बनाने के दौरान खुदाई में मिली मूर्ति भगवान श्रीराम लक्ष्मण की प्राचीन मूर्ति है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनेकों वर्षों से हिन्दू देवी देवता और जैन धर्म से संबंधित मूर्तियां मिलने के बावजूद पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग धनपुर की उपेक्षा कर रहा है।

इधर उधर बिखरे पड़े मूर्तियों में से अनेकों मूर्तियां हो चुकी हैं चोरी
बता दें कि धनपुर में इधर-उधर पड़े हुए अनेकों मूर्तियां पिछले कई वर्षों में चोरी हो गई है। वहीं आदि शक्ति देवी दुर्गा मंदिर ट्रस्ट धनपुर की मांग पर प्रशासन ने प्राचीन मूर्तियों को सुरक्षित रखने के लिए पुरातत्व संग्रहालय भवन स्वीकृत किया था। लेकिन बिलासपुर से अलग होकर जीपीएम नया जिला बनने के बाद बिलासपुर प्रशासन ने भवन की बकाया राशि स्वीकृत नहीं की, जिसके कारण भवन आज भी अधूरा पड़ा हुआ है।

हिन्दू देवी देवता और जैन तीर्थांकरों की मिल चुकी हैं अनेक प्राचीन मूर्तियां
ग्राम धनपुर में भगवान श्रीराम लक्ष्मण, शंकर, पार्वती, गणेश, कार्तिक, विष्णु, लक्ष्मी सहित कई हिन्दू देवी देवता और भस्मासुर राक्षस की मूर्ति मिल चुकी है। वहीं धनपुर ऐसा प्राचीन गांव है जहां जैन धर्म के सभी 24 तीर्थंकरों की मूर्तियां भी पिछले कई वर्षों में विभिन्न स्थानों पर खोदाई में मिल चुकी हैं।

10 वीं शताब्दी, कल्चुरी कालीन और उससे भी पहले की हो सकती हैं मूर्तियां
धनपुर में मिलने वाली मूर्तियां 8वीं – 10 वीं शताब्दी या उससे पहले या कल्चुरी कालीन हो सकती हैं। यहां मिलने वाली मूर्तियों की एक विशेषता यह भी है कि सभी मूर्तियां खण्डित अवस्था में मिलती हैं, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि किसी प्रलय या आक्रमण से धनपुर का विनाश हुआ रहा होगा।
किवदंती है कि पांडवों ने बिताया था एक वर्ष अज्ञातवास, पांडवकालीन अवशेष भी हो सकते हैं
धनपुर को लेकर एक किवदंती यह भी है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां एक वर्ष बिताया था। पांडवों के एक वर्ष बिताने को लेकर यह भी कहा जाता है कि एक वर्ष अज्ञातवास के दौरान भीम प्रतिदिन एक तालाब खोदते थे, इसलिए इस गांव में 360 तालाब थे। इन 360 तालाबों में से बहुत से तालाब अब भी हैं, वहीं बहुत से तालाबों को ग्रामीणों ने खेत बना दिया है। इसलिए ऐसा भी कहा जाता है कि धनपुर में मिलने वाले प्राचीन अवशेष पांडवकालीन भी हो सकते हैं।
इस गांव में खुदाई में कालांतर में बहुत से लोगों को मिल चुका है सोना चांदी और मंहगे धातु
धनपुर जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है धनपुर मतलब धन से भरा हुआ। इस गांव और इससे लगे गांव धोबहर में खुदाई में कालांतर में बहुत से लोगों कीमती धातु मिल चुके हैं। हालांकि कीमती धातु पाने वाले लोगों के नाम का खुलासा अब तक नहीं हुआ है लेकिन ग्रामीण मानते हैं कि काफी पहले घर बनाने के दौरान नींव की खोदाई में कुछ लोगों को जमीन में दबा हुआ कीमती धातु मिल चुका है।