रजिस्ट्री कार्यालय पेण्ड्रारोड में लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं…,रजिस्ट्री शुल्क देकर शासन का खजाना भरने वालों को बैठना पड़ता है फर्श पर या बाहर धूप में…,डेढ़ घण्टे से ज्यादा का समय भोजनावकाश में लगाने वाले पंजीयक नोगेंद्र पटेल के व्यवहार और सप्ताह में सिर्फ 3 दिन रजिस्ट्री होने से भी पक्षकार परेशान…

पेण्ड्रा।गौरेला।मरवाही (छग एमपी टाइम्स/05 मार्च 2024) :
जिन लोगों के रजिस्ट्री शुल्क के माध्यम से शासन का खजाना भरता है, उन्हीं लोगों को ससम्मान बैठाने के लिए जीपीएम जिले के रजिस्ट्री कार्यालय पेण्ड्रारोड में कुर्सियां नहीं है, जिसके कारण रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों को कार्यालय में फर्श पर या बाहर धूप में बैठना पड़ता है। रजिस्ट्री कार्यालय में व्याप्त इस अव्यवस्था को जिला प्रशासन को संज्ञान में लेकर नागरिकों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था करनी चाहिए।

उप पंजीयक कार्यालय पेण्ड्रारोड में भारी अव्यवस्था व्याप्त है। जहां दिखावे के लिए तो लाखों रुपए का भवन बना दिया गया है, लेकिन जिन नागरिकों के रुपयों से यह भवन बना है उनके बैठने के लिए उस लाखों रुपए के भवन में कुर्सियां नहीं हैं। इतनी बड़ी अव्यवस्था के बीच लोग दिन दिनभर फर्श में बैठकर या खड़े होकर या बाहर धूप में बैठकर रजिस्ट्री का काम कराते हैं।

उप पंजीयक कार्यालय पेण्ड्रारोड में पदस्थ पंजीयक नोगेंद्र पटेल के व्यवहार से भी लोगों में काफी नाराजगी है, क्योंकि उनसे जब कोई व्यक्ति लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों की बात करते हैं तो पंजीयक नोगेंद्र पटेल के द्वारा उनसे दुर्व्यवहार पूर्ण बर्ताव किया जाता है। इतना ही नहीं भोजनावकाश में पंजीयक नोगेंद्र पटेल डेढ़ घण्टे से ज्यादा का समय लगाते हैं, जिसके कारण नागरिक और अधिक परेशान होते रहते हैं।

जीपीएम जिले में एक तो पहले से ही एक ही पंजीयक को पेण्ड्रारोड और मरवाही दो जगहों का प्रभार दे दिया गया है। जिसके कारण पंजीयक सप्ताह में 3 दिन सोमवार, मंगलवार व बुधवार को पेण्ड्रारोड में और 2 दिन मरवाही में बैठते हैं। इस बीच में अन्य शासकीय अवकाश होने से भी पक्षकार भटकते रहते हैं।

जिन पक्षकारों से शासन का खजाना भर रहा है, उन पक्षकारों को परेशान करना और सामान्य शिष्टाचार के तहत उनके बैठने की भी व्यवस्था नहीं करना अधिकारियों की मनमानी और तानाशाही को दर्शाता है। जिन पक्षकारों से मिले राजस्व से अधिकारी को वेतन मिल रहा है, उन पक्षकारों का फर्श या धूप में बैठना और अधिकारी का कुर्सी पर बैठना कहां तक जायज है ? इस इस मामले को संज्ञान में लेकर रजिस्ट्री कार्यालय में आने वाले पक्षकारों की सुविधा के लिए तत्काल कुर्सियों की व्यवस्था करनी चाहिए।