फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहे 11 शिक्षा कर्मियों को 3-3 साल की जेल की सजा न्यायाधीश ने सुनाई, छ.ग. में काफी संख्या में शिक्षाकर्मी वर्ष 2006 से 2010 के बीच स्थानांतरण नीति का लाभ उठाकर फर्जी नियुक्ति पत्र एवं फर्जी स्थानांतरण पत्र के आधार पर भी विभिन्न ब्लॉकों में ड्यूटी ज्वाईन कर नौकरी कर रहे हैं
रायपुर (छग एमपी टाइम्स/30 दिसम्बर 2023) : फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी हासिल करने वाले 11 शिक्षाकर्मियों को न्यायाधीश ने 3-3 साल जेल में रहने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी आरोपियों पर 1-1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
मामला गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक में फर्जी प्रमाणपत्र से शिक्षाकर्मी का नौकरी हासिल करने का है। बता दें कि, प्रार्थी कृष्ण कुमार ने इस मामले में मैनपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवाया था कि वर्ष 2008-09 में शिक्षाकर्मी चयन के दौरान कुछ लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए नौकरी हासिल किया था।
शिकायत के बाद प्रमाणपत्रों की जांच की गई तो शिकायत सही पाया गया कि 11 शिक्षाकर्मी बीएड. डीएड. के फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहे थे। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई चल रही थी जहां जांच रिपोर्ट और सबूतों के आधार पर प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट प्रशांत कुमार देवांगन ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी 11 आरोपियों को 3-3 साल की जेल के साथ ही सभी पर 1-1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में फर्जी प्रमाणपत्र के अलावा काफी संख्या में शिक्षाकर्मी वर्ष 2006 से 2010 के बीच स्थानांतरण नीति का लाभ उठाकर फर्जी नियुक्ति पत्र एवं फर्जी स्थानांतरण पत्र के आधार पर विभिन्न ब्लॉकों में ज्वाईन कर नौकरी कर रहे हैं, जिसका शिकायत के आधार पर समय समय पर खुलासा होते जा रहा है।